इसरो (ISRO) ने देश के महत्वाकांक्षी मिशन चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) के लैंडर विक्रम को लेकर उम्मीदें अभी कम नहीं हुई हैं। भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो के वैज्ञानिकों के मुताबिक, चांद की सतह पर मौजूद विक्रम सही सलामत है और वह क्षतिग्रस्त नहीं हुआ है।
वह सतह पर एक तरफ झुका हुआ पड़ा है। वहीं इसरो ने आज ट्वीट कर कहा कि चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) के ऑर्बिटर ने विक्रम लैंडर का पता तो लगा लिया, लेकिन उससे संपर्क नहीं हो पा रहा है। इसरो ने लिखा, ‘लैंडर से संपर्क स्थापित करने की सारे संभव प्रयास किए जा रहे हैं।’
दरअसल एक वैज्ञानिक ने कहा कि हम विक्रम से संपर्क करने की लगातार हरसंभव कोशिश कर रहे हैं। अभी हमने उम्मीद नहीं छोड़ी है। चांद की सतह से महज 2.1 किमी दूर रहने के दौरान ही लापता विक्रम को इसरो ने एक दिन पहले ही खोज निकाला था। विक्रम को सतह पर सॉफ्ट लैंडिंग करनी थी, मगर उसे हार्ड लैंडिंग का शिकार होना पड़ा।
जबकि इसरो के एक और वैज्ञानिक ने कहा, चंद्रयान-2 (Chandrayaan 2) के ऑर्बिटर में लगे कैमरे ने जो तस्वीरें भेजी हैं, उससे यह पता चला है कि विक्रम की हार्ड लैंडिंग हुई थी। इससे विक्रम में कोई टूट-फूट नहीं हुई है। मेरा मानना है कि विक्रम से अब भी संपर्क हो सकता है।
विक्रम के जीवन में फिर से वसंत आ सकता है। इसकी संभावना खारिज नहीं की जा सकती है। उन्होंने यह भी कहा कि हर चीज की अपनी सीमाएं होती हैं। हमें भूस्थिर कक्षा में लापता हुए अंतरिक्ष यान से फिर से संपर्क कायम करने का अनुभव है।
हालांकि, विक्रम के मामले में संचालन की वैसी स्थितियां नहीं हैं। यह पहले से ही चांद की सतह पर पड़ा हुआ है। इसे दोबारा से पहले जैसा हिला-डुला नहीं सकते हैं।
एक और वैज्ञानिक ने कहा, विक्रम की स्थिति पहले जैसी ही बनी हुई है। उससे संपर्क करना बेहद मुश्किल होता जा रहा है। उम्मीद कम होती जा रही है। अगर इसने सॉफ्ट लैंडिंग की होती तो इसकी सारी प्रणाली कार्य कर रही होतीं।