
घाना में प्रार्थना को लेकर मस्जिदों और गिरिजाघरों को अनोखा फरमान जारी किया है। प्रशासन ने शनिवार को आदेश दिया है कि प्रार्थना के लिए लोगों को बुलाने के लिए लाउडस्पीकर का इस्तेमाल बंद किया जाए व अजान के लिए सोशल नेटवर्किंग ऐप्लिकेशन वॉट्सऐप का इस्तेमाल करें। इस नियम के पीछे प्रमुख उद्देश्य शहरी इलाकों में बढ़ रहे ध्वनि प्रदूषण को कम करना है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अकसर पूजा स्थलों पर ज्यादा से ज्यादा संख्या में लोग होते हैं इस वजह से ट्रैफिक भी जाम हो जाता है। प्रशासन का कहना है कि ऐसी स्थिति में चर्च की घंटियां और मस्जिद से होने वाली अजान ध्वनि प्रदूषण को बढ़ाती है, जिससे आसपास रहनेवाले लोगों का जीना मुश्किल हो जाता है।
घाना के पर्यावरण मंत्री क्वाबेना फ्रिमपॉन्ग बोटेंग ने इस कदम का यह कहकर बचाव किया है कि इमाम लोगों को वॉट्सऐप मेसेज भेजकर नमाज के समय के बारे में बता सकते हैं इससे ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण पाने में मदद मिलेगी। यह विवादास्पद हो सकता है लेकिन यह कुछ ऐसा है जिसके बारे में हम सोच सकते हैं।’
हालांकि, राजधानी अकरा में रह रहे मुस्लिम समुदाय ने वॉट्सऐप के जरिए अजान के इस आदेश को नकार दिया है। इमाम शेख उसान अहमद के मुताबिक, ‘अजान दिन में पांच बार होती है और वॉट्सऐप के जरिए मेसेज भेजना ध्वनि प्रदूषण कम कर सकता है लेकिन इसके आर्थिक परिणाम भी होंगे। इमाम को हर महीने वेतन नहीं मिलेगा। यह कदम गैरजरूरी है।’